Good day to all divine souls …
घर को एक बग़ीचे की तरह रहने दो । वह तभी खूबसरत लगेगा जिसमें सब तरह के फूल खिले हो । उसको खेत की तरह ना रखो जहॉ एक ही तरह की खेती होती है । बग़ीचे मे बीज जितना अधिक अंकुरित होगा उतना ही विशाल वृक्ष बनेगा ।
ठीक इसी प्रकार परिवार मे रिश्तो का प्रेमरूपी विशाल वृक्ष बनाने के लिये जीवन के शुभ संकल्प रूपी बीज जितने अच्छे होंगे उनको साकार रूप लेने में उतना ही समय लगेगा । शुभ संकल्प को फलित करने के लिये परिश्रम रुपी जल से इन्हें रोज सीचना पड़ेगा । संकल्प रुपी खाद डालनी पड़ेंगी, कुसंग रुपी कीड़ो और आँधी तूफ़ान रुपी घोर निराशा से बचाना होगा । उसके बाद हमारे सामने बीज नहीं वरन एक विशाल वृक्ष होगा जिसकी शीतल छाया से परिवार के सभी लोग विश्राम व मधुर फलों का आनंद ले रहे होंगे और साथ मे मिल रहा होगा जीवन की सार्थकता का आनन्द।
आपकी आभारी विमला मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏